सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में यूक्रेन की संप्रभुता, आजादी, एकता और प्रांतीय अखंडता कायम रखने के प्रति अपनी वचनबद्धता पर जोर रहेगा। इसमें यूक्रेन पर रूसी हमले को अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया जाएगा।
विश्व व्यवस्था कायम रखने की वचनबद्ध संस्था संयुक्त राष्ट्र की ताकतवर इकाई सुरक्षा परिषद रूस के खिलाफ आज प्रस्ताव पर मतदान कर सकती है। सुरक्षा परिषद द्वारा रूस व यूक्रेन के बीच जारी जंग के खिलाफ पारित होने वाले प्रस्ताव के प्रारूप में रूस की कड़ी निंदा होगी। इसमें रूस को कहा जाएगा कि वह यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुलाए।
प्रारूप प्रस्ताव पर मतदान से पहले सुरक्षा परिषद के सदस्य देश चर्चा करेंगे। इसमें रूस से कहा जाएगा कि वह यूक्रेन के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल तत्काल रोके। किसी अन्य यूएन के सदस्य देश के खिलाफ सेना के अवैध इस्तेमाल को लेकर भी रूस को चेतावनी दी गई है। यह इसलिए कहा जाएगा, क्योंकि रूस ने यूक्रेन व उसके बीच में किसी देश को दखल नहीं देने की धमकी दी है। रूस ने कहा है कि यदि किसी देश ने दखल दिया तो उसे इतिहास का सबसे बुरा अंजाम भोगना पड़ेगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य हैं। रूस समेत पांच महाशक्ति देश स्थायी सदस्य हैं। स्थायी सदस्यों को वीटो पावर हासिल है। ऐसे में हर प्रस्ताव पर उनकी सहमति अनिवार्य है। ऐसे में रूस या उसका मित्र देश चीन इस प्रस्ताव पर वीटो नहीं करेगा, यह कहना मुश्किल है।
उधर, यूक्रेन से खबर है कि रूसी सेना वहां लगातार बमबारी कर रही है। बेलारूस के जरिए यूक्रेन में रूसी टैंकों के प्रवेश की भी खबर है। अगले कुछ घंटों में यह जंग निर्णायक दौर में पहुंच सकती है।
सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में यूक्रेन की संप्रभुता, आजादी, एकता और प्रांतीय अखंडता कायम रखने के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई जाएगी। इसमें यूक्रेन पर रूसी हमले को अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया जाएगा। प्रस्ताव में रूस की कठोरतम शब्दों में निंदा के साथ ही उसे यूक्रेन से तत्काल, बिना शर्त व पूरी तरह हटने के लिए भी कहा जाएगा।