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पाकिस्तान: अमेरिका ने जो हथियार अफगानिस्तान में छोड़े, बीएलए उनसे पाक सेना पर साध रहा है निशाना

पाकिस्तान के एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि बीएलए के पास मौजूद हथियारों की क्वॉलिटी को देख कर पाकिस्तानी सेना सदमे में रह गई। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां अब तक यह सुराग हासिल नहीं कर पाई हैं कि ये हथियार बीएलए को किसने दिए। अधिकारी ने पुष्टि की कि बीएलए के पास ड्यूअल बीम एमिंग लेजर भी थे, जिसका इस्तेमाल कर अंधेरे में भी सही निशाना लगाया जा सकता है।
इस रिपोर्ट ने पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी है कि अमेरिका और नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के सैनिक जो हथियार पिछले साल अफगानिस्तान में छोड़ गए, वे पाकिस्तान में सक्रिय उग्रवादी समूहों के पास पहुंच रहे हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक अफगान-पाकिस्तान सीमा पर इन हथियारों का गैर-कानूनी कारोबार तेजी से फैला है। वहां से जो हथियार या युद्ध उपकरण खरीदे गए, उनका इस्तेमाल पाकिस्तान के सुरक्षा बलों के खिलाफ हाल में हुए हमलों में हुआ। इस बात के प्रमाण पाकिस्तानी सेना ने भी जुटाए हैं।

पाक सीमा पर तस्करी

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान की सेना को ऐसे हथियारों की तस्करी होने की भनक पिछले साल ही लगी, जब उसने सीमा के पास हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया। उसमें एम4ए1 कार्बाइन राइफलें, ग्लोक 9 एमएम पिस्तौल, बरेटा पिस्तौल बैरल, और गोला-बारूद शामिल थे। तब बताया गया था कि ये जखीरा काबुल से चला था। बलूचिस्तान प्रांत में इस महीने उग्रवादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने पाकिस्तान के दो सैनिक शिविरों पर हमले किए। उससे ये बात साफ हो गई कि इस संगठन के बाद अमेरिकी तकनीक से बने आधुनिक हथियार मौजूद हैं। बताया जाता है कि इन हमलों में बीएएल के उग्रवादियों के पास पाकिस्तानी सैनिकों से भी अधिक मारक किस्म के हथियार मौजूद थे। नोशकी और पंजगुर शिविरों पर हुए इन हमलों में क्रमशः 12 और नौ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इसी महीने एक प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद यह कहा था कि इन दोनों हमलों में वैसे हथियारों का इस्तेमाल हुआ, जैसे अमेरिका और नाटो के सैनिकों के पास होते हैं। लेकिन उन्होंने यह बताने से इनकार किया कि ये हथियार बीएलए को कैसे मिले। उनसे पूछा गया था कि क्या अफगान तालिबान ने ये हथियार इस गुट को दिए हैं। इसका अहमद ने कोई जवाब नहीं दिया।

बीएलए के पास ड्यूअल बीम एमिंग लेजर भी

लेकिन पाकिस्तान के एक सुरक्षा अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त वेबसाइट एशिया टाइम्स को बताया कि बीएलए के पास मौजूद हथियारों की क्वॉलिटी को देख कर पाकिस्तानी सेना सदमे में रह गई। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां अब तक यह सुराग हासिल नहीं कर पाई हैं कि ये हथियार बीएलए को किसने दिए। अधिकारी ने पुष्टि की कि बीएलए के पास ड्यूअल बीम एमिंग लेजर भी थे, जिसका इस्तेमाल कर अंधेरे में भी सही निशाना लगाया जा सकता है। इसके अलावा इन लेजर की रोशनी को नंगी आंखों से देख पाना संभव नहीं होता। इस्लामाबाद स्थिति सुरक्षा विश्लेषक शाहिद रज़ा ने एशिया टाइम्स से कहा- ‘बीएलए के पास जो राइफलें हैं, उन्हें कोल्ट आर्म्स कंपनी ने अफगान सेना को बेची थीं। उसके लिए धन अमेरिका ने दिया था।’ रज़ा ने बताया कि तालिबान पूर्व अफगान नेशनल आर्मी को मिले हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। बीएलए को ये हथियार विदेशी खुफिया एजेंसियों ने मुहैया कराए हैं। इसके पहले अक्तूबर 2021 में अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि अमेरिका जिन हथियारों को छोड़ आया, हथियार डीलर अफगानिस्तान में उनकी खुली खरीद-बिक्री कर रहे हैं।