ब्यूरो चीफ आर एल पांडेय
लखनऊ। होटल ताज महल लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार एवं इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) के सहयोग से तथा यूरोपियन यूनियन के ACSIIS कार्यक्रम तथा गूगल के समर्थन में एगटेक स्टार्ट-अप समिट-2024 आयोजित किया गया। इस समिट का उद्देश्य कृषि का आधुनिकीकरण करने वाली अग्रणी पहलों को प्रदर्शित करना और उत्तर प्रदेश में कृषि आय और स्थिरता को बढ़ाने के लिए तैयार की गई कस्टमाइज्ड तकनीकों और समाधानों के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। इस समिट में 25 से अधिक एगटेक स्टार्ट- अप्स, नीति निर्माता, निवेशक, शैक्षणिक संस्थान और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर एक अनूठा मंच प्रदान किया गया।
समिट में एग टेक पर विजन डॉक्युमेंट का अनावरण मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन मनोज कुमार सिंह जी द्वारा किया गया। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग, प्रमुख सचिव पशुधन मत्स्य एवं दुग्ध विकास, गूगल इंडिया हेड कार्तिक पद्मनाभन, IFC की कंट्री मैनेजर वेनडी बेरनर, सीनियर ऑपरेशन
ऑफिसर विजय कलाकोंडा, उपस्थित रहे।
विजन डाक्यूमेंट एगटेक स्टार्ट-अप्स को अधिकतम किसानों तक पहुंचाने के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका है। IFC
के एगटेक स्केल-अप इंडिया एगटेक एडवाइजरी प्रोजेक्ट पर वीडियो की एक श्रृंखला भी शुरू की गई, जो नवाचार और ज्ञान साझा करने के लिए प्रेरित करती है।
उत्तर प्रदेश के लिए एग्री डेटा स्टैक के संचालन और रिमोट सेंसिंग आधारित फसल निगरानी पर प्रस्तुतियां दी गई, जिसमें कृषि में उन्नत डेटा समाधानों के एकीकरण के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया गया।
विजन डॉक्युमेंट उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में प्रौधोगिकी को एकीकृत करने के लक्ष्य को पूरा करता है, विजन डॉक्युमेंट का उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना नवाचार का समर्थन करना और एक संरचित दृष्टिकोण के माध्यम से किसानों की आजीविका में सुधार करना है। निजी क्षेत्र के एग टेक स्टार्टअप छोटे किसानों की विशिष्ट कृषि आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
मोनिका एस गर्ग, कृषि उत्पादन आयुक्त, उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्घाटन भाषण में UP AGREES पहल के माध्यम से नवाचारों को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में कृषि के भविष्य की दृष्टि पर भी प्रकाश डाला।
एगटेक स्टार्टअप समिट 2024 के अवसर पर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन मनोज कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहाकि, "उत्तर प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। एगटेक स्टार्टअप्स राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, और सरकार इन नवाचारों का पूरा समर्थन कर रही है। यह समिट न केवल एगटेक्स को प्रोत्साहित करने का एक मंच है, बल्कि हमारे किसानों की आय बढ़ाने और कृषि में स्थिरता लाने के लिए तकनीकी समाधान खोजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यूरोपियन यूनियन, IFC, और गूगल जैसे साझेदारों का सहयोग इस दिशा में हमारे प्रयासों को और मजबूत करता है। हम आशा करते हैं कि इस पहल के माध्यम से उत्तर प्रदेश के किसान और कृषि क्षेत्र आधुनिक तकनीकों से और अधिक सशक्त होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था और भी समृद्ध होगी।"
कार्तिक पद्मनाभन, हेड, गूगल फॉर स्टार्टअप्स, इंडिया और MEA, और श्री सिद्धार्थ प्रकाश, प्रोडक्ट मैनेजर और तकनीकी सलाहकार, गूगल, के साथ विजय सेकर कलव कोंडा, सीनियर ऑपरेशंस ऑफिसर, IFC ने उत्तर प्रदेश में कृषि के लिए ओपन नेटवर्क पर चर्चा की और राज्य के कृषि परिदृश्य को डिजिटल तकनीकों के माध्यम से बदलने के दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया।
वेंडी वर्नर, कंट्री हेड, इंडिया और मालदीव्स, IFC ने "प्रभाव के लिए निजी क्षेत्र के समाधान स्केल करना" विषय पर संबोधित किया, जिसमें कृषि उत्पादकता बढ़ाने में निजी क्षेत्र की भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया
गया।
उत्तर प्रदेश सरकार वैश्विक संस्थाओं के सहयोग एवं सहभागिता से कृषि आधुनिकीकरण तथा नवाचार के माध्यम से
पूरे प्रदेश में कृषि क्षेत्र के सभी आयामों के विकास हेतु दृण संकल्पित है। पूरे देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जहां कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा एगटेक पॉलिसी लागू की गई है।
माननीय समन्वय मंत्री, उत्तर प्रदेश, अनिल राजभर ने एगटेक स्टार्टअप समिट 2024 के अवसर पर "इस समिट के माध्यम से हम एगटेक स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो हमारे कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार लाकर किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। यह पहल न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगी, बल्कि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि हर किसान तक इन तकनीकों और समाधानों की पहुंच हो, जिससे कृषि न केवल लाभकारी बने बल्कि किसानों के जीवन में स्थायित्व भी आए। यूरोपियन यूनियन, IFC, और गूगल जैसे साझेदारों के साथ मिलकर हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे राज्य के किसान वैश्विक स्तर की तकनीकी प्रगति का लाभ उठा सकें और उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो।"
मुख्य अतिथि मा. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही जी ने कहा कि, "उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की समृद्धि और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए सतत प्रयास कर रही है। एगटेक स्टार्टअप्स की भूमिका इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये तकनीकी नवाचार हमारे किसानों के लिए न केवल उत्पादकता बढ़ाने बल्कि उन्हें नई संभावनाओं और अवसरों से जोड़ने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। इस समिट का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों का विस्तार करना और किसानों को उनकी चुनौतियों के समाधान प्रदान करना है। यूरोपियन यूनियन, IFC और गूगल जैसे प्रमुख संगठनों के सहयोग से हम कृषि को आधुनिक, लाभकारी और टिकाऊ बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार की यह पहल न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगी बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करेगी।"
उत्तर प्रदेश AgTech स्टार्टअप समिट में मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान सूर्य प्रताप शाही, मंत्री समन्वय, श्रम एवं रोजगार अनिल राजभर, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग, वर्ल्ड बैंक के विनायक घटाटे, गूगल फॉर स्टार्टअप्स के हेड (इंडिया और MEA) कार्तिक पद्मनाभन, गूगल के प्रोडक्ट मैनेजर और तकनीकी सलाहकार सिद्धार्थ प्रकाश, IFC के सीनियर ऑपरेशन्स ऑफिसर विजयासैकर कलव कोंडा, IFC की कंट्री हेड (भारत और मालदीव) वेंडी वर्नर, ग्लोबल इम्पैक्ट रिपोर्टिंग और इवैल्यूएशन टीम की मैनेजर श्रीमती दीपा चक्रपाणी, IFC के सलाहकार हेमेन्द्र माथुर, एग्रिबाजार के हेड अतुल कुरा, आविष्कार ग्रुप के पार्टनर शश्वत राय, वर्ल्ड बैंक के सीनियर डिजिटल एक्सपर्ट विकास कानूनगो, सैटसुर के हेड ऑफ विजनेस थी। कुमारजीत मजूमदार, UP Livestock Development Board के CEO नीरज गुप्ता, प्रोम्प्ट डेयरीटेक के CEO महार्थी ठाकुर, क्रेडिन के CEO रुपेश विश्नोई, स्टेलऐप्स के सीनियर जीएम मनोज पवार, इबिसा के हेड ऑफ ग्रोथ बालाचंद्रन, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव रविंदर, और कृषि विभाग के सचिव अनुराग यादव उपस्थित रहे।