आशीष कुमार सिंह विशेष संवाददाता
*लखनऊ* बंधन ग्रुप के सीएमडी अनीत सिंह ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कब कैसे और कहां से हुई उन्होंने एक प्रेस वार्ता के माध्यम से बताया की एक बार भगवान कृष्ण की उंगली कट गई थी, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी से कपड़े का एक टुकड़ा बांधा था, जिससे खून बहना बंद हो गया था। इस घटना के बाद, कपड़े का टुकड़ा एक पवित्र धागा बन जाता है और रक्षा बंधन के वास्तविक महत्व का प्रतीक है।
रक्षाबंधन पर्व पर जहाँ बहनों को भाइयों की कलाई में रक्षा का धागा बाँधने का बेसब्री से इंतजार है, वहीं दूर-दराज बसे भाइयों को भी इस बात का इंतजार है कि उनकी बहना उन्हें राखी भेजे। उन भाइयों को निराश होने की जरूरत नहीं है, जिनकी अपनी सगी बहन नहीं है, क्योंकि मुँहबोली बहनों से राखी बंधवाने की परंपरा भी काफी पुरानी है।
सीएमडी अनीत सिंह ने कहा रक्षाबंधन की यह ऐतिहासिक कहानी रानी कर्णावती और मुगल सम्राट हुमायूं से जुड़ी हुई है। ऐसा माना जाता है कि रानी कर्णावती ने हुमायूं को राखी भेजी थी। इसके बाद से इस त्योहार को मनाने की परंपरा शुरू हुई। रानी ने मुगल सम्राट को राखी भेज कर मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद हुमायूं ने कर्णावती की मदद करने का फैसला किया था। इसी तरीके से बहुत सारी कहानियां है रक्षाबंधन पर्व के पीछे किसी के साथ-साथ उन्होंने देश के सभी भाई और बहनों को शुभकामनाएं देते हुए बधाइयां दी।