अपराध

Fatehpur:-कोटेदार द्वारा राशन देने के नाम पर अंगूठा लगवा कर निकाले गए खाते से पैसे

खागा/ फतेहपुर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित गरीबों के लिए निशुल्क खाद्यान्न परियोजना के तहत गरीब लाभार्थियों को लाभ दिलाने हेतु कोटेदार के माध्यम से गांव में खाद्यान्न का वितरण किया जाता है लेकिन कोटेदार आपदा में किस प्रकार का अवसर तलाश रहा है जिसका ताजा उदाहरण किशनपुर थाना क्षेत्र के संगोली पुर गांव में कोटेदार पर कार्ड धारकों से अंगूठा लगवा कर पैसा हड़पने का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाया जा रहा है जिसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई पूर्व की शिकायत पर उच्च अधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया था तब गांव की पंचायत में 10 दिन के अंदर सभी कार्ड धारकों का पैसा वापस करने की बात हुई थी आरोप है कि सरकारी राशन दुकान के कोटेदार जुल्फी ने कार्ड धारकों से राशन देने के नाम पर अंगूठा लगवा का है और इसके बाद लोगों के अकाउंट से पैसे निकाल लेता है जिसके बाद कोटेदार के इस खेल का पर्दाफाश हुआ था कोटेदार पर 12 नहीं करीब सैकड़ों लोगों ने खाते से पैसा निकालने का आरोप लगाया जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने करीब 3 महीने पहले भी की थी शिकायत के बाद गांव में पंचायत की गई पंचायत के सभी कार्ड धारकों के पैसे 10 दिन में वापस करने की बात कही गई थी लेकिन कोटेदार आप कार्ड धारकों को पैसा वापस नहीं कर रहा है आरोप है कि इस प्रकार गांव में करीब 0 लोगों के खाते से कोटेदार ने लाखों रुपए गबन कर दिए हैं जिसके बाद शनिवार को ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए कोटेदार पर कार्रवाई की मांग की है रविवार को करीब आधा सैकड़ा कार्ड धारकों ने कोटेदार के घर पंचायत के लिए पहुंचे थे जिस पर कोटेदार पूरा दिन गायब रहा बाद में कार्ड धारको ने हंगामा काटना शुरू कर दिया ज्ञात हो कि 3 महीने पहले भी ग्रामीणों ने कोटेदार की शिकायत जिले के उच्च अधिकारियों से की थी अधिकारियों ने कोटेदार पर कार्रवाई करने के बजाय मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था वही कोटेदार ने कहा कि 2 लोगों के पैसे थे और बाकी लोगों के आरोप को निराधार बताया है वही मामले में खागा उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि कोटेदार के खिलाफ शिकायत मिली है शिकायत को संज्ञान में लेकर जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है जिसकी जांच कराई जा रही है आरोपों की जांच के बाद दोषी पाए जाने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
तहसील संवाददाता राजीव त्रिवेदी