राष्ट्रीय युवा वाहिनी शंखनाद हासिम खान
एहतेशाम खान
विभाग अभी भी सो रहा कुंभकर्णी नींद अजय ट्रेडर्स" दवाखाना अशोकनगर एवं गाजीपुर में अवैध क्लीनिक में डॉक्टर का लबादा ओढ़ बैठे हैं यमराज का चादर खबर प्रकाशित होते ही उतर गया "अजय ट्रेडर्स" दवाखाना का बोर्ड बिना फायर एनओसी के संचालित होता है यह क्लीनिक जनपद का स्वास्थ्य विभाग अवैध हॉस्पिटल,क्लीनिक तथा पैथोलॉजी संचालकों के सामने हुआ नतमस्तक फतेहपुर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ एवं स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध हॉस्पिटल,क्लीनिक व पैथोलॉजी संचालित हुए या फिर गलत उपचार से किसी भी मरीज की मौत हुई तो उस जनपद के संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही कर जेल भेजने का काम किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के सीएम के चेतावनी का असर भले ही समूचे प्रदेश में होता नजर आ रहा हो किंतु फतेहपुर जनपद में उनकी चेतावनी को पलाएताक करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय मरीजों की मौतों का सौदागर बन गया है। मालूम रहे कि जनपद में शहर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तीन निजी हॉस्पिटलों में गलत उपचार के दौरान जच्चा बच्चा समेत तीन मरीजों की मौतें हो चुकी हैं किंतु उसके बावजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से संचालित हो रहे अवैध हॉस्पिटलों में कार्यवाही करने के नाम पर पूरी तरह से धृतराष्ट्र बन गया है। गौरतलब बात तो यह है कि जनपद में अवैध हॉस्पिटलों में लगातार हो रही मरीजों की मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग कुंभकर्णी नींद में सो रहा है। हैरत की बात तो यह है कि जनपद के *गाजीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गाजीपुर थाना से चंद कदम दूरी पर स्वास्थ्य विभाग के रहमो करम पर "गुप्ता गाजीपुर" के नाम से मानक विहीन क्लीनिक पिछले कई वर्षो से खुलेआम संचालित हो रही है।इतना ही नहीं सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत "अशोक नगर में अजय ट्रेडर्स" दवाखाना के नाम से सुबह शाम क्लीनिक खोली जाती है।उपरोक्त अवैध क्लीनिक में कई बच्चों की हालत गंभीर हो चुकी है और आनन-फानन उनके परिजनों ने किसी दूसरे अच्छे हॉस्पिटल में अपने मरीजों का उपचार करवा कर उन्हें मौत के दलदल से बचा लिया था किंतु आखिर कब तक मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ती रहेगी जबकि इस बात की जानकारी सीएमओ कार्यालय को भलीभांति है। क्षेत्र में चर्चा इस बात की है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अनुमति से ही उपरोक्त अवैध क्लीनिक दो जगह संचालित किया जा रहा है।यदि यह सच है तो उपरोक्त अवैध क्लीनिक को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने संचालित करने की अनुमति कैसे प्रदान कर दी है जबकि अवैध क्लीनिक में कोई अनुभवी डॉक्टर भी नहीं है और ना ही क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन है किंतु इसके बावजूद जिला अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक की चेतावनी को पलायताक करते हुए आखिरकार मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने "अजय ट्रेडर्स" दवाखाना एवं "गुप्ता गाजीपुर" नामक से अवैध क्लीनिक को संचालित करने की अनुमति कैसे प्रदान कर दी है।यदि ऐसा है तो उच्च अधिकारियों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ गंभीर कार्यवाही कर जेल भेजने का काम किया जाना चाहिए ताकि जनपद में संचालित हो रहे अवैध हॉस्पिटलों में गलत उपचार के दौरान लगातार हो रही मरीजों की मौतों का सिलसिला थम सके और मरीजों को उपचार के नाम पर डकैती डालने वाले डकैत डॉक्टरों से बचाया जा सके। हैरत की बात तो यह है कि जनपद की सांसद एवं राज्यमंत्री "साध्वी निरंजन ज्योति" ने भी कई बार मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत कई संबंधितों को स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर करने को लेकर कड़ी चेतावनी दे चुकी हैं। किन्तु मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में उनकी चेतावनी की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए और भी कई मरीजों की चिताएं जलने का इंतजार कर रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी आखिरकार गाजीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत "गुप्ता गाजीपुर" के नाम से थाने से चंद कदम दूरी पर संचालित हो रहे अवैध क्लीनिक पर कार्यवाही ना कर अपनी मनमानी क्यों कर रहा है? यह बात आम जनता के गले के नीचे नहीं उतर रही है