अपराध

रीवा:-कमांडो अरुण गौतम को षड्यंत्रपूर्वक फंसाया गया - मधुकर द्विवेदी

कमांडो अरुण गौतम को षड्यंत्रपूर्वक फंसाया गया - मधुकर द्विवेदी

त्योंथर। ख्यातिलब्ध वरिष्ठ पत्रकार श्री मधुकर द्विवेदी ने कहा है कि समाजसेवी कमांडो अरुण गौतम के साथ जो कुछ हुआ है, वह ठीक नहीं है और घटनाक्रम से साफ दिखता है कि वे षड्यंत्र के शिकार हुए हैं। त्योंथर क्षेत्र में अन्याय के खिलाफ़ आवाज़ उठाने, जनसमस्याओं को लेकर आंदोलन करने तथा अपनी मुखर कार्यशैली से कमांडो प्रशासन के कुछ भ्रष्ट व कामचोर कर्मचारियों एवं कुछ नेताओं की आँख की किरकिरी बन गए थे, और इन्हीं तत्वों ने साजिश करके उन पर झूठे मुकदमे दर्ज़ करवाकर उन्हें जेल भिजवा दिया।
हमारे संवाददाता से चर्चा के दौरान श्री मधुकर द्विवेदी जी ने कहा कि त्योंथर क्षेत्र में सबको पता है कि कमांडो अरुण गौतम बहुत ही सक्रियता व निःस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करते थे, क्षेत्रीय जनता की तकलीफों के निदान के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से उनका टकराव भी हो जाता था। बहुत कम समय में ही वे काफी जनप्रिय हो गये थे। उनके सेवाभाव की सर्वत्र चर्चा होती थी, गरीब एवं पीड़ित वर्ग तो उन्हें अपने संरक्षक के रूप में देखने लगा और संभवतः यही सामाजिक सक्रियता उनके जींवन का जंजाल बन गई और उन्हें नायक से एकाएक खलनायक बना दिया गया। श्री द्विवेदी जी का कहना है कि चाहे कमांडो अरुण गौतम हों या कि कोई अन्य व्यक्ति, यदि किसी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज़ हैं तो उसका निराकरण न्यायालयीन प्रक्रिया से होता है, न कि किसी को सबक सिखाने के लिए उसके ऊपर झूठे प्रकरण दर्ज कर रासुका के तहत कार्यवाही करा दी जाए। श्री मधुकर द्विवेदी जी ने कहा कि दो दशक से ज्यादा समय तक एक सैनिक के रूप में देश की सेवा करने वाले जाबाज कमांडो अरुण गौतम पर रासुका की कार्यवाही समझ से परे है। यह तो एक पूर्व फ़ौजी एवं अब जनता के बीच रहकर जनसेवा करने वाले व्यक्ति के साथ अन्याय है।
वरिष्ठ पत्रकार श्री मधुकर द्विवेदी जी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत अमूनन कार्यवाही समाज विरोधी काम करने वाले असामाजिक तत्वों और समाज के लिए खतरा बने व्यक्तियों पर की जाती है, न कि समाज की सेवा करने वाले लोगों पर। यदि कमांडो अरुण गौतम ने कानून को अपने हाथ में लेकर किसी सरकारी मुलाज़िम के साथ दुर्व्यवहार या मारपीट की थी तो यह गलत था, हम इसका समर्थन नहीं करते, उनके विरुद्ध कानून सम्मत कार्यवाही होनी चाहिए थी, लेकिन ज़रा सी बात पर तिल को ताड़ बनाकर उन्हें बड़ा अपराधी घोषित कर उनके ऊपर एनएसए लगवा देना एक तरह से तानाशाही है। श्री द्विवेदी जी के अनुसार वक्त का इंतज़ार किया जाए, कमांडो अरुण गौतम को न्याय अवश्य मिलेगा।

तहसील ब्यूरो चीफ कमलेश शुक्ला के साथ दिनेश द्विवेदी की खास रिपोर्ट