अपराध

मनेंद्रगढ़:-पिछले कुछ वर्षों से चौकीदार कर रहा है खड़गवां वन परीक्षेत्र का लिपिक कार्य


राष्ट्रीय युवा वाहिनी शंखनाद
महेन्द्र शुक्ला,कोरिया।खड़गवां वनपरिक्षेत्र के कार्यालय मे नई-नई अनिमितता का होना लाजमी है क्योंकि यहां पर चौकीदार के पद पर पदस्थ होने के बाद भी पिछले कई वर्षों से लिपिक का कार्य कराया जा रहा है जब पूर्व में रेगुलर लिपिक के पदस्थ रहने के बाद भी इसी चौकीदार के द्वारा लिपिक कार्य कार्यलय में धड़ल्ले से किया जा रहा है। खडगवा वन विभाग के कार्यालय में रेगुलर लिपिक के स्थानांतरण हुए लगभग दो से तीन वर्ष हो गए आज तक कोई नये रेगुलर लिपिक की पदस्थापना नहीं हुई है और वन विभाग कार्यालय मे दैनिक वेतन कर्मी जो कार्यलय में चौकीदार के पद पर पदस्थ हैं वो चौकीदार के द्वारा कार्यलय में लिपिक का कार्य करते हुएसारे दस्तावेजों की लिखा पढ़ी का कार्य किया जा रहा है वो भी खडगवा वन परिक्षेत्र कार्यालय के अधिकारीयों एवं जिला कार्यालय के अधिकारियों के जानकारी मे सारे कार्य नियम विरूद्ध तरीके से कराए जा रहे हैं और जब से रेगुलर लिपिक का प्रशासन के द्रारा स्थानांतरण किया गया है। उसके बाद दो से तीन वर्ष हो गए वन विभाग कार्यालय में रेगुलर लिपिक की पदस्थापना नहीं हुई है और कार्यलय के सारे निर्माण कार्य से लेकर गोपनीय कार्य भी पदस्थ चौकीदार के द्वारा किए जा रहे हैं।
जिससे खडगवा वनपरिक्षेत्र कार्यालय की गोपनीयता भी भंग हो रही है इस चौकीदार का व्यवहार भी वन विभाग के कर्मचारियों के प्रति संतोष जनक नहीं होने के कारण वन विभाग के कर्मचारियों मे समय समय पर चौकीदार के प्रति असंतोष भी दिखाई देता रहा है खडगवा वनपरिक्षेत्र के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण इस चौकीदार की कार्य प्रणाली तो काफी चर्चा में रहती है जिसके कारण इस चौकीदार का वनपरिक्षेत्र मे काफी जलवा भी बना है कार्यालय के सारें कार्य इस चौकीदार के द्रारा किया जाता है।खडगवा वन विभाग कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी से इस चौकीदार लिपिक के द्रारा निर्माण कार्यो मे काफी भ्रष्टाचार भी किया गया है अगर इसके द्रारा तैयार किये गए फाइलों की जाच कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। अब देखना है कि वर्तमान खडगवा वन परिक्षेत्रा अधिकारी कया इस चौकीदार लिपिक पर मेहरबान रहेगें या इसे इसके पद से बाहर करेंगे जबकि वन परिक्षेत्र कार्यालय मे एक लिपिक का पद होने के बाद भी चौकीदार लिपिक का कार्य कर रहा हैवनपरिक्षेत्र खडगवा के कार्यालय मे नई-नई अनिमितता का होना लाजमी है क्योंकि यहां पर चौकीदार के पद पर पदस्थ होने के बाद भी पिछले कई वर्षों से लिपिक का कार्य कराया जा रहा है जब पूर्व में रेगुलर लिपिक के पदस्थ रहने के बाद भी इसी चौकीदार के द्वारा लिपिक कार्य कार्यलय में धड़ल्ले से किया जा रहा है। खडगवा वन विभाग के कार्यालय में रेगुलर लिपिक के स्थानांतरण हुए लगभग दो से तीन वर्ष हो गए आज तक कोई नये रेगुलर लिपिक की पदस्थापना नहीं हुई है और वन विभाग कार्यालय मे दैनिक वेतन कर्मी जो कार्यलय में चौकीदार के पद पर पदस्थ हैं वो चौकीदार के द्वारा कार्यलय में लिपिक का कार्य करते हुएसारे दस्तावेजों की लिखा पढ़ी का कार्य किया जा रहा है वो भी खडगवा वन परिक्षेत्र कार्यालय के अधिकारीयों एवं जिला कार्यालय के अधिकारियों के जानकारी मे सारे कार्य नियम विरूद्ध तरीके से कराए जा रहे हैं और जब से रेगुलर लिपिक का प्रशासन के द्रारा स्थानांतरण किया गया है। उसके बाद दो से तीन वर्ष हो गए वन विभाग कार्यालय में रेगुलर लिपिक की पदस्थापना नहीं हुई है और कार्यलय के सारे निर्माण कार्य से लेकर गोपनीय कार्य भी पदस्थ चौकीदार के द्वारा किए जा रहे हैं।
जिससे खडगवा वनपरिक्षेत्र कार्यालय की गोपनीयता भी भंग हो रही है इस चौकीदार का व्यवहार भी वन विभाग के कर्मचारियों के प्रति संतोष जनक नहीं होने के कारण वन विभाग के कर्मचारियों मे समय समय पर चौकीदार के प्रति असंतोष भी दिखाई देता रहा है खडगवा वनपरिक्षेत्र के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण इस चौकीदार की कार्य प्रणाली तो काफी चर्चा में रहती है जिसके कारण इस चौकीदार का वनपरिक्षेत्र मे काफी जलवा भी बना है कार्यालय के सारें कार्य इस चौकीदार के द्रारा किया जाता है।खडगवा वन विभाग कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी से इस चौकीदार लिपिक के द्रारा निर्माण कार्यो मे काफी भ्रष्टाचार भी किया गया है अगर इसके द्रारा तैयार किये गए फाइलों की जाच कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। अब देखना है कि वर्तमान खडगवा वन परिक्षेत्रा अधिकारी कया इस चौकीदार लिपिक पर मेहरबान रहेगें या इसे इसके पद से बाहर करेंगे जबकि वन परिक्षेत्र कार्यालय मे एक लिपिक का पद होने के बाद भी चौकीदार लिपिक का कार्य कर रहा है

इस पर उच्च वन अधिकारी को संज्ञान में लेकर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए जिससे कार्यालय की गोपनीयता बनी रहे।