रुद्राभिषेक करने से सुख समृद्धि , परिवार में आनंद मंगल और अभीष्ट सिद्ध की प्राप्ति होती है: धर्माचार्य अमरनाथ मिश्रा
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान शिव की आहैतूकी कृपा से शुभ संवत पिंगल नाम संवत्सर 2080 श्रावण मास कृष्ण पक्ष एकादश्याम( एकादशी) तिथि गुरुवार दिनांक 13 जुलाई 2023 को श्री रामलीला ग्राउंड में प्रातः 11:00 बजे से 15 वा सपादलक्ष रुद्राभिषेक ( सवा लाख रुद्र ) 27 चौकियों पर शिव परिवार के साथ प्रत्येक चौकी पर 55 सौ रूद्र विराजमान कर शिव भक्तों ने पूजा प्रारंभ की
आयोजक अमरनाथ मिश्र ने बताया कि शिववास में कैलाश पर नंदी की सवारी एवं सानिध्य में रुद्राभिषेक करने से सुख समृद्धि , परिवार में आनंद मंगल , और अभीष्ट सिद्ध की प्राप्ति होती है। इसी के तहत आज प्रमुख आचार्य ने हर हर महादेव के मंत्र उच्चारण अपने अन्य सहयोगियों के साथ वैदिक मंत्रों से रुद्राभिषेक पूजा प्रारंभ किया जिसमें विभिन्न चौकियों पर 27 यजमान अपने परिवार के साथ सम्मिलित हुए यह चौकी पहले से आरक्षित कर दी गई थी।
ऋषिकेश से 1000 लीटर गंगाजल लाकर भगवान शिव का अभिषेक किया गया साथ में दूध ,दही, घी, शर्करा ,गन्ने का रस , कुशोदक से अभिषेक किया गया।
आचार्य शिवशंकर पांडे जी ने बताया कि ध्यान ,आसन ,प्राणायाम, पुण्याह्वचन आवाहन ,प्रतिष्ठा आसन पदय अर्घ्य आचमन स्नान षोडसोपचर पूजन किया गया। तत्पश्चात भगवान का श्रंगार किया गया। रुद्राष्टाध्यायी के अंतर्गत नमक चमक के साथ दूध की धारा चलाई गई तत्पश्चात स्तुति, आरती , पुष्पांजलि , के पश्चात आचार्यों द्वारा आशीर्वाद प्रदान किया गया।
रुद्र भगवान शिव का दूसरा पर्यायवाची शब्द है ।रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारे कुंडली से पातक एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शिव का शुभ आशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है और सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। ऐसा कहा जाता है की एकमात्र सदाशिव रूद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत:हो जाती है ।और यह भी बताया कि रुद्राभिषेक के विभिन्न पूजन से लाभ इस प्रकार है जल से अभिषेक करने से वर्षा होती है। असाध्य रोगों एवं बाधा, दोष अथवा ऐसी बीमारी जो पकड़ में नहीं आ रही हो को शांत करने के लिए कशोदक, भवन वाहन के लिए दही से लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से, धन वृद्धि के लिए शहद एवं घी से, तीर्थ के जल से अभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्त होती है इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है। पुत्र प्राप्ति के लिए गोदुग्ध ज्वर की शांति के लिए शीतल जल घी की धार से रुद्राभिषेक करने से वंश का विस्तार होता है। शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़ बुद्धि वाला भी ज्ञानवान हो जाता है। विशेष अवसर सोमवार, प्रदोष और शिवरात्रि आदि पर विभिन्न वस्तुओं से अभिषेक करना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं है किसी भी पुराने नियमित रूप से पूजे जाने वाले शिवलिंग का अभिषेक बहुत ही विशेष फल देता है । रुद्राभिषेक का फल बहुत ही शीघ्र प्राप्त होता है विद्वानों ने इसकी भूरि भूरि प्रशंसा की है। पुराणों में भी इससे संबंधित अनेक कथाओं का विवरण प्राप्त है।
आयोजक हरिश्चंद्र अग्रवाल ने बताया कि यह पूजा हर वर्ष श्रावण माह में होती है। पर्यावरण को विशेष ध्यान में रखते हुए इस बार भी रामलीला मैदान में गड्ढा खोदकर भगवान की मूर्तियां व बची हुई पूजन सामग्री को विसर्जित किया गया है।
आज की पूजा के प्रमुख यजमानगण हरिश्चंद्र अग्रवाल अमरनाथ मिश्र आदित्य प्रकाश द्विवेदी राजेंद्र कुमार अग्रवाल अरविंद तिवारी उत्कृष्ट त्रिपाठी लोकेश अग्रवाल विनोद महेश्वरी सुधीर गुप्ता मनमोहन सूर्य प्रकाश शुक्ला शिवम अग्रवाल विनोद अग्रवाल विमल गुप्ता दीपक बाजपेई अतुल त्रिपाठी सतीश चंद्र मिश्र प्रीति निगम नरेश कुमार वर्षा शर्मा अनुज अग्रवाल अरविंद पाठक अर्चना मेहरोत्रा वेद प्रकाश प्रीति निगम नीरज मिश्रा मनु मनोचा संजय सोनकर देवेश एवं अन्य शिव भक्त गण उपस्थित रहे।