अनुरुद्ध शास्त्री की खास रिपोर्ट
बरगढ़/चित्रकूट- भारत देश अनेकता में एकता समेटे हुए सभी जाति धर्मो का सम्मान करने वाला एक मात्र देश है। जिसमे सभी को अपने धर्मों को मानने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है, इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगो द्वारा करबला के कुर्बान हुए शहीदों की याद में शुरू हुए माह-ए- मोहर्रम में इमाम हसन व हुसैन को याद किया जाता है। मोहर्रम माह की पहली तारीख से करबला के जांनिशारो की याद में प्रत्येक प्रदेश एवं गांव में जगह जगह इमाम बाड़े को दुल्हन की तरह सजाया गया है, और शहीदों की याद में मातम, नौहा के द्वारा उनको याद किया जाता है, उसी के क्रम में माह की सातवीं तारीख को झंडा एव निशान ढोल और ताशों के साथ मातम करते हुए शहीद हुए वीरो के झंडे को हमेशा बुलंद रहने के लिए निकाला जाता है, और पूरे क्षेत्र में उनका निशान गली मोहल्ले से होते हुए पुनः इमाम बाड़े पर रख दिया जाता है।
आपको बताते चले कि इस त्योहार को लेकर जिले के मऊ तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बरगढ़ में भी आज करबला के शहीदों को याद करते हुए मातम ढोल ताशों की आवाज के साथ निशान निकाला गया, जगह जगह लंगर बांटे गए, और शहीदों को मानने वाले लोगो ने इमाम बाड़े पर फातिया पढ़ा गया। इस कार्यक्रम में बरगढ़ ग्राम पंचायत के प्रधान शैलेश शुक्ला, विकास कुमार पाण्डेय, मो0 इलियास मो0 याकूब, मो0 इबरार, सत्यनारायण मौर्या, मो0 इकबाल कुरैसी, अब्दुल, तैय्यब अली, नजरे आलम, साबिर खां, मुन्ना खां, छेददु, कुल्लू भाई एवं मो0 गुलबदन भाई सहित गांव के तमाम हिन्दू एवं मुस्लिम समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।