ब्यूरो चीफ आर एल पांडेय
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय में आज एलएल.बी. (3 वर्ष) पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए ओरिएंटेशन सत्र के प्रथम दिन का आयोजन किया गया। इस सत्र का शुभारंभ विधि संकाय के अध्यक्ष और अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. बी.डी. सिंह, विश्वविद्यालय के नए परिसर के निदेशक प्रोफेसर आर.के. सिंह और राज्य परिवहन अपीलीय अधिकरण के अध्यक्ष श्री अरविंद कुमार मिश्रा द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में विधि संकाय के अनेक प्रख्यात विद्वानों की उपस्थिति रही, जिसमें प्रोफेसर आनंद विश्वकर्मा, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव और डॉ. आलोक कुमार यादव प्रमुख रूप से शामिल थे।
ओरिएंटेशन सत्र में मुख्य रूप से न्यायालयों की संरचना, सामान्य मामलों की प्रक्रिया और अन्य कानूनी जानकारियों पर विस्तृत चर्चा की गई। प्रोफेसर डॉ. बी.डी. सिंह ने छात्रों का स्वागत करते हुए उन्हें न्यायिक प्रक्रिया की महत्ता से अवगत कराया और कहा कि यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल कानूनी ज्ञान प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें व्यावहारिक अनुभव भी देगा जो उनके पेशेवर जीवन में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।
प्रोफेसर आर.के. सिंह ने विद्यार्थियों को नए परिसर की सुविधाओं और संसाधनों के बारे में जानकारी दी, जो उनके शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाएंगे। उन्होंने छात्रों को यह भी बताया कि विधि संकाय का नया परिसर तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित है, जिससे छात्र अपनी पढ़ाई को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं।
श्री अरविंद कुमार मिश्रा ने अपने वक्तव्य में न्यायिक व्यवस्था और न्यायालयों की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने न्यायालयों में मामलों की सुनवाई, न्यायाधीशों की भूमिका और मामलों के निपटान की प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे न्यायालयों में मामलों के अध्ययन के दौरान गहनता से अध्ययन करें और न्यायिक प्रक्रिया को समझने का प्रयास करें।
प्रोफेसर आनंद विश्वकर्मा, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव और डॉ. आलोक कुमार यादव ने भी सत्र के दौरान अपने विचार व्यक्त किए और छात्रों को विधि अध्ययन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी।
इस ओरिएंटेशन सत्र का उद्देश्य न केवल छात्रों को विधि अध्ययन के प्रति जागरूक करना था, बल्कि उन्हें आगामी तीन वर्षों के लिए एक स्पष्ट दिशा-निर्देश भी प्रदान करना था। कार्यक्रम का समापन विधि संकाय के अध्यापकों द्वारा छात्रों को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देने के साथ हुआ।
इस सत्र ने छात्रों में विधि अध्ययन के प्रति उत्साह और समर्पण को प्रोत्साहित किया, और उन्हें उनके आगामी शैक्षणिक सफर के लिए प्रेरित किया।