शिक्षा

लखनऊ विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के नवनिर्मित भवन एवं नव निर्मित द्वारों का माननीया कुलाधिपति द्वारा लोकार्पण

ब्यूरो चीफ आर एल पांडेय

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर में आज माननीया कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल महोदया के कर-कमलों द्वारा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के नवनिर्मित भवन एवं द्वितीय परिसर मे नवनिर्मित दो द्वारो का लोकार्पण एवं उद्घाटन संपन्न हुआ। इस अवसर पर माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय सहित विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं संकाय सदस्य उपस्थित रहें। नवनिर्मित संस्थान में १३ रिसर्च लेबोरेटरी, ०८ क्लासरूम, ०१ कंप्यूटर लैब , ०१ आडिटोरियम, ०१ मशीन रूम, ०१ सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट फैसिलिटी रूम, ०२ लेक्चर थियेटर, ०१ स्टूडेंट एक्टिविटी रूम, ०१ फैकल्टी रूम एवं ०१ एनिमल हाउस की सुविधा उपलब्ध है। १३ प्रयोगशालाए मुख्य रूप से इंडस्ट्रियल फार्मेसी, मेडिसिनल केमिस्ट्री, फार्मास्यूटिकल एनालिसिस, हर्बल ड्रग टेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फार्माकोलॉजी एवं फार्माकोग्नॉसी की है, साथ ही संस्थान में ०८ कक्षाएं एवं ५००० से अधिक फार्मेसी किताबो की उपलब्धता वाली एक लाइब्रेरी है। लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान माननीया कुलाधिपति महोदया जी ने संस्थान में निर्मित उच्च तकनीक से सुसज्जित इंडस्ट्रियल फार्मेसी एवं फिजिकल फार्मासुटिक्स की प्रयोगशालाओ, मशीन रूम, दो लेक्चर थियेटर, म्यूजियम एवं औषधीय पौधशाला का भ्रमण किया।
उन्होंने मशीन रूम में उपलब्ध टेबलेट के डिसइंटिग्रेट होने के समय के परीक्षण में प्रयुक्त डिसइंटिग्रेशन उपकरण, दर्द निवारक दवाइओ की जांच करने वाले अनलजेसिओ मीटर, सोल्युशन की एसिडिटी निरीक्षण हेतु पी एच मीटर, दवाइओ की शुद्धता की जांच के लिए प्रयोग होने वाले मेल्टिंग पॉइंट उपकरण, क्रिस्टल्स एवं मिनरल्स की स्टडी के लिए ट्राईनोकुलर पोलराइज़्ड माइक्रोस्कोप एवं डिजिटल तथा अनेलिटिकल बैलेंस की कार्यप्रणाली को देखा।

संस्थान मे भ्रमण के बाद माननीया कुलाधिपति का विश्वकर्मा सभागार मे आगमन हुआ| राष्ट्रगान एवं कुलगीत की प्रस्तुति के बाद, कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय द्वारा माननीया कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया| अपने स्वागत उद्बोधन मे माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने नवीन परिसर को डिसेंट परिसर से संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल के मार्गदर्शन में इस परिसर ने उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। कुलपति महोदय ने बताया कि द्वितीय परिसर में 4400 छात्रों और 77 शिक्षकों की संख्या अब बढ़कर 7800 छात्रों और 150 शिक्षकों तक पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अगले वर्षों में 10,000 छात्रों की संख्या तक पहुंचना है। बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि द्वितीय परिसर में भविष्य में एक लड़कों के हॉस्टल का निर्माण, एक मूट कोर्ट, टैगोर लाइब्रेरी का विस्तार और फार्मेसी संकाय में एक अत्याधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण कराये जाने का लक्ष्य है । उन्होने बताया कि पिछले वर्षों में विश्वविद्यालय को परियोजनाओं के लिए 97 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसका संपूर्ण सदुपयोग करने के बाद पूरक के रूप में 2 लिफ्ट का निर्माण इंजिनियरिंग संकाय में हुआ। विश्वविद्यालय ने एनईपी के दिशानिर्देशों को अपनाने में एक पायनियर की भूमिका निभाई है, जिसमें बहु-निकासी विकल्पों के साथ लचीले स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों की पेशकश की जा रही है|
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने यह साबित कर दिया है कि यह समय उच्च शिक्षा का स्वर्णकाल है। विश्वविद्यालय की सफल कार्यान्वयन के प्रमाण के रूप में इंजिनियरिंग संकाय के छात्रों का 82% प्लेसमेंट दर के साथ विधि संकाय के छात्रों ने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज परीक्षा में 302 में से 49 सीटें हासिल की हैं। उन्होंने आगे कहा कि विधि संकाय ने विशेष रूप से प्रतिष्ठा प्राप्त की है, एनआईआरएफ में 23वां स्थान और विश्वविद्यालयों में 97वां स्थान प्राप्त किया है। इसके अतिरिक्त, हाल ही में हुई सीयूईटी परिणामों में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिसमें काउंसलिंग के पहले दिन बी.टेक की 675 में से 671 सीटें भरी गईं। कुलपति महोदय ने पीरो नियम (80:20) के बारे में अवगत कराया और सभी को इसका अनुसरण करने का प्रस्ताव रखा।

अंत में, माननीय कुलाधिपति महोदया ने अपने सम्बोधन मे उपस्थित जनसमूह को गुजरात भूकंप का उदाहरण देते हुए कहा कि उस दौरान सभी स्कूल और कॉलेज बुरी तरह से प्रभावित हो गए थे। उन्होंने विद्यालयों के पुनर्निर्माण के लिए 250 इंजीनियरों को नियुक्त किया एवं प्रत्येक इंजीनियर को 25 गांवों की जिम्मेदारी सौंपी, और पुनर्निर्माण के लिए आवन्टित 90 करोड़ को सीधे गाँव में बनाई गई समिति के खाते में स्थानांतरित किया गया| गाँव वालो के सहयोग से पुनर्निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो सका तथा 8 करोड़ रुपए बच भी गए।राज्यपाल ने छात्रों से आह्वान किया कि वे केवल सरकारी नौकरियों पर निर्भर रहने के बजाय अपने उद्यमिता कौशल को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने वर्तमान समय में सरकारी नौकरियों की सीमित उपलब्धता के कारण, छात्रों को अपनी सोच को व्यापक करते हुए नवाचार और व्यवसाय में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप एवं व्यवसाय के लिए सरकार द्वारा एक लाख छात्रों के लिए 10 लाख रुपये का ऋण प्रदान करने की योजना है , जिससे छात्रों को व्यापार में सशक्तिकरण के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे। इसके अलावा, इस वर्ष के बजट में मॉडल कौशल ऋण योजना के तहत 25 हजार छात्रों के कौशल विकास के लिए 7.5 लाख रुपये का ऋण प्रदान किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष शिक्षा के लिए सर्वाधिक 1.48 लाख करोड़ रुपये का बजट आवन्तित किया गया है, साथ ही यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) को 19 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किए गया हैं। राज्यपाल ने छात्रों और शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने प्रोजेक्ट्स तैयार करें और उन्हें यूजीसी को भेजें, ताकि अनुदान राशि प्राप्त की जा सके।उन्होंने बताया कि भारत सरकार के तहत, अगले 5 वर्षों में प्रसिद्ध कंपनियों द्वारा 1 करोड़ इंटर्नशिप्स, जिनमें प्री-प्लेसमेंट ऑफर (PPO) भी शामिल होंगे, छात्रों को प्रदान की जाएंगी।
राज्यपाल ने बताया कि सरकार द्वारा राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो शिक्षा को डिजिटल रूप में सुलभ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए 255 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। राज्यपाल ने बताया कि AI के लिए विशेष लैब बनाए जा रहे हैं, जो छात्रों को भविष्य की प्रौद्योगिकियों में निपुण बनाएंगे |राज्यपाल जी ने समर्थ पोर्टल के क्रियान्वयन पर भी जोर दिया, तथा डिग्री के साथ ही मार्कशीट को भी डिजीलॉकर में उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
संबोधन के अंत में, आनंदीबेन पटेल ने छात्रों और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे "सबका साथ, सबका विकास" के सिद्धांत को अपनाएं और एकजुट होकर समाज की प्रगति में योगदान दें।

कार्यक्रम के समापन पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर मनुका खन्ना ने माननीय कुलाधिपति महोदय, माननीय कुलपति एवं सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन किया एवं इस सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।