कौशाम्बी के लाल अमन मौर्य ने कानपुर में फिर जीता गोल्ड मे मेहनत इतनी खामोशी से करो कि कामयाबी शोर मचा दे। कामयाबी हाथों की लकीरों से नहीं माथे के पसीने से होती है। इसके लिए हिम्मत,जुनून ,हौसला और लगन होनी चाहिए। मन मे कुछ अलग कर गुजरने का जज्बा कामयाबी की शिखर में पहुँचने का एक मात्र मार्ग होता है।कौशांबी के जुवरा गांव के अमन मौर्य ने अब तक 6 सिल्वर व 4 गोल्ड मेडल जीतकर यह साबित कर दिया कि कामयाबी के लिए मेहनत की जरूरत पड़ती है। रविवार को कानपुर में आयोजित 100 मीटर सुपर रेस की प्रतियोगिता में अमन मौर्य पहला स्थान हासिल कर कौशांबी का नाम रोशन किया है।अमन की इस कामयाबी पर उनके शुभचिंतक व परिवार के लोग बधाई दे रहे हैं।
अमन मौर्य का जन्म कौशांबी जनपद के जुवरा गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ। अमन के मन मे हमेशा जज्बा जुनून समाज राष्ट्रवाद खेलकूद की तरफ रुचि अधिक रहती है। अमन हमेशा आगे बढ़ने के लिए रात दिन मेहनत करते हैं। अमन मौर्य आशावादी विचारों को ध्यान में रखते हुए कभी निराशावादी विचार नहीं लाए। अमन कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हमेशा कामयाबी के शिखर पर चढ़कर झंडा बुलंद करने के लिए काम किया है। अमन मौर्य लगातार तीन वर्षों से खेलकूद, रेस, भाला फेंक समेत अन्य खेलों में होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने का काम किया और हमेशा गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतकर नाम रोशन किया। रविवार को कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में एथलीट रेस की प्रतियोगिता हुई जिसमें अनेक छात्रों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में अमन मौर्य ने पहला स्थान हासिल किया। अमन के कोच आलोक शर्मा है यह प्रतियोगिता कानपुर डिस्ट्रिक्ट एथलेटिक्स संघ के द्वारा कराया गया है।अमन की इस कामयाबी से जहां कौशांबी का नाम रोशन हुआ है वही उनके परिजनों व शुभचिंतकों ने बधाई देने का ताता भी लगा रहा। अमन के मन मे हमेशा फौजी व पायलट बनने का सपना मन में रहता है। यूपी ओपेन स्टेट एथलीट चैंपियन के लिए चयन भी हुआ है।
रिपोर्ट आनंद कुमार दुबे