स्वास्थ्य

मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एक्सीडेंट में गंभीर रूप से ख़राब हुए चेहरे को सफल सर्जरी से किया ठीक

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। लखनऊ के मैक्स हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने तेज रफ्तार मोटर बाइक दुर्घटना में हादसे का शिकार हुए 25 वर्षीय मरीज का सफल इलाज किया है। इस हादसे में युवक का चेहरा पूरी तरह से चोटिल हो गया था और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी गंभीर चोटें आईं थीं।

मैक्स हॉस्पिटल के डॉ. सतींदर पाल सिंह तुलसी, डायरेक्टर - डेंटल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी और डॉ. सौरभ कुमार सिंह की अगुवाई में मल्टी डिसिप्लिनरी डॉक्टरों की टीम ने न केवल मरीज का जीवन बचाया बल्कि उन्होंने मरीज के चेहरे का पुनर्निर्माण करके यह सुनिश्चित किया कि वह ठीक होने के बाद सामान्य तरीके से अपने जबड़े का प्रयोग कर भोजन चबा सके।

प्रयागराज के निवासी इस मरीज को लखनऊ के मैक्स हॉस्पिटल के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। मरीज को एक्सीडेंट में कई जटिल चोटें पहुंचीं थीं, जिनमें चेहरे पर गंभीर फ्रैक्चर, दाहिने पैर और बाईं कॉलरबोन में फ्रैक्चर शामिल थे। चोटों में जबड़े, गाल की हड्डियाँ, आंखों के सॉकेट और नाक में फ्रैक्चर शामिल थे, साथ ही होंठों और दांतों को भी नुकसान पहुंचा था।

डॉ. सौरभ कुमार सिंह ने बताया, “मरीज की स्थिति का तत्काल जायजा लिया गया। उसकी चोटें इतनी गंभीर थीं कि उसका चेहरा सामान्य आकार से लगभग तीन गुना तक सूज गया था। हमने मरीज को स्थिर किया। मरीज की जान बचाना सुनिश्चित करने के लिए डॉ. सतींदर पाल सिंह तुलसी ने ट्रेकियोस्टॉमी की और फिर मरीज को सर्जरी के लिए ले जाया गया।”

ट्रेकियोस्टॉमी एक मेडिकल प्रक्रिया है जिसमें गले में छोटा छेद कर ट्यूब डाली जाती है ताकि मरीज आसानी से सांस ले सके, खासकर जब मुंह या नाक से सांस लेना मुश्किल हो।

इसके बाद सर्जिकल टीम ने कई चेहरे के फ्रैक्चर की मरम्मत के लिए लगभग 3-4 घंटे तक एक जटिल ऑपरेशन किया।

डॉ. सतींदर पाल सिंह तुलसी ने बताया, “मरीज की चोटें इतनी गंभीर थीं कि हमें पूरे चेहरे का पुनर्निर्माण करना पड़ा। इस प्रक्रिया में हड्डियों को स्थिर करने के लिए मिनी टाइटेनियम प्लेट और स्क्रू का उपयोग किया गया। होंठों के सॉफ्ट टिशूज को भी पुनर्निर्मित किया गया। हमारा ज्यादा ध्यान चेहरे के वास्तविक आकार को बहाल करने और यह सुनिश्चित करने पर था कि वह सामान्य रूप से चबा सके। इसके लिए सावधानीपूर्वक हड्डियों को सही ढंग से एलाइन करने और सॉफ्ट टिशूज का पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता थी।

मेडिकल टीम की विशेषज्ञता के कारण, ऑपरेशन सफल रहा और मरीज ने ऑपरेशन के बाद महत्वपूर्ण सुधार दिखाया। मरीज को आठवें दिन छुट्टी दे दी गई और वह ठीक हो रहा है।

डॉ. तुलसी ने समय पर इलाज के महत्व को बताया: “यदि ऐसे फ्रैक्चर को तुरंत ठीक नहीं किया गया होता, तो मरीज को गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता था, जिसमें चेहरे की असममता और चबाने में स्थायी कठिनाई शामिल है।”

मैक्स हॉस्पिटल लखनऊ, मरीजों को विश्वस्तरीय देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और जटिल चिकित्सा मामलों में सफलता पाकर अग्रणी बना हुआ है।