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फटे होंठ से लेकर कमजोर हड्डियों तक, विटामिन्स की कमी के शरीर में हो सकते हैं ऐसे संकेत

शरीर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए सभी लोगों को रोजाना पौष्टिक आहार के सेवन की सलाह दी जाती है। इन आहार की मदद से शरीर को दैनिक रूप से आवश्यक पोषक तत्वों की प्राप्ति हो जाती है। विटामिन्स, प्रोटीन, खनिज जैसे पोषक तत्व शरीर के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं, ऐसे में इनकी कमी के कारण आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। पर यह कैसे पता किया जाए कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी है? स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर में न्यूट्रिएंट्स की कमी के कारण कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, इसमें कई लक्षण तो ऐसे भी होते हैं जिन्हें हम देखते तो हैं लेकिन आमतौर पर नजरअंदाज कर देते हैं।

अध्ययनों से पता चलता है कि फटे होंठों से लेकर कमजोर हड्डियों तक, शरीर हमें विटामिन्स की कमी के कारण कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। विटामिन-डी की कमी के कारण दांतों और हड्डियों में कमजोरी वहीं विटामिन बी और विटामिन सी के कारण फटे होंठ और मसूड़ों से खून आने जैसी दिक्कतें महसूस हो सकती हैं। ऐसे ही एड़ियों के फटने को शरीर में नमी की कमी का कारण माना जाता है, पर यह विटामिन की कमी का भी संकेत हो सकते हैं। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि किन विटामिन्स की कमी के कारण किस प्रकार के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जिसपर समय रहते ध्यान देने की आवश्यकता है।

विटामिन-सी की कमी

कोरोना के इस दौर में विटामिन-सी काफी चर्चा में रहा, आमतौर पर इसे इम्युनिटी से जोड़कर देखा जाता है, पर क्या आप इसकी कमी से संबंधित लक्षणों के बारे में जानते हैं? बेहतर इम्युनिटी के साथ मसूड़े और त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी विटामिन-सी की आवश्यकता होती है। इस विटामिन की कमी के कारण स्कर्वी नामक बीमारी हो सकती है जिसके चलते मसूड़ों से खून आना और बालों के रोम के आसपास रक्तस्राव जैसी दिक्कत हो सकती है। बालों का झड़ना, थकान और एनीमिया की भी समस्या इस विटामिन की कमी का संकेत माना जाता है।

विटामिन बी-3 की कमी के संकेत

त्वचा और दिमाग के स्वास्थ्य के लिए विटामिन बी3 बेहद जरूरी है। विटामिन बी-3 को नियासिन के रूप में भी जाना जाता है। शरीर में इस विटामिन की कमी होने के चलते आपको याददाश्त में कमी, बार-बार दस्त होने, जीभ के लाल बने रहने जैसी दिक्कत हो सकती है। इसकी कमी के कारण प्रकाश के संपर्क में आने वाले हिस्सों की चमड़ी का लाल होना भी इस विटामिन की कमी की ओर संकेत माना जाता है।

विटामिन-ई की कमी को पहचानें और विटामिन्स की पूर्ति कैसे करें?

विटामिन-ई प्रतिरक्षा प्रणाली, कोशिकाओं और रक्त परिसंचरण को सुचारू बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। त्वचा की सुंदरता के लिए भी इस विटामिन को काफी आवश्यक माना जाता है। शरीर में विटामिन-ई की कमी के कारण मांसपेशियों में कमजोरी, संवेदना कम महसूस होने और त्वचा में शुष्की और झुर्रियों की दिक्कत भी हो सकती है। त्वचा संबंधी ज्यादातर समस्याओं का इसे मुख्य कारण माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक विभिन्न प्रकार के विटामिन्स और खनिजों की पूर्ति के लिए पौष्टिक आहार का सेवन सुनिश्चित करें। प्राकृतिक रूप से पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों में फल और सब्जियां खाना इसमें आपके लिए काफी मददगार माने जाते हैं। लीन मीट, मछली, साबुत अनाज, डेयरी, फलियां, नट्स और सीड्स भी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। स्वस्थ शरीर के लिए आहार का संतुलित रहना बहुत आवश्यक माना जाता है।