लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में सोमवार को हिन्दी प्रकोष्ठ एवं एनसीसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'हिन्दी पखवाड़ा' का बेहतरीन समापन हुआ।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक्फ व हज विभाग के मंत्री दानिश आजाद अंसारी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर पद्मश्री एवं बीबीएयू के पूर्व कुलपति प्रो. रणबीर चंद्र सोबती, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.एम.पी. वर्मा, कुलसचिव डॉ. अश्विनी कुमार सिंह, एनसीसी अधिकारी डॉ. राजश्री एवं विश्वविद्यालय हिन्दी अधिकारी श्री शिवकुमार त्रिपाठी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। आयोजन समिति की ओर से अतिथियों एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम संस्कृत एवं वैदिक अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रिपुसूदन सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को स्वागत किया। हिन्दी अनुवाद अधिकारी संध्या दीक्षित ने सभी को अतिथियों के परिचय से अवगत कराया। मंच संचालन का कार्य डॉ. राजश्री ने किया और कहा कि सामाजिक एकता और अखंडता में हिन्दी का बहुत बाद योगदान रहा है। राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि, बीते कुछ वर्षों में हिन्दी का पुनरूत्थान हुआ है, जिससे समाज को एक नई दशा एवं दिशा मिली है। साथ ही डिजिटल युग में हिन्दी भाषा के लिए सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन एवं वेबसाईट का निर्माण हो रहा है, जो कि प्रशंसनीय है। हम सभी का कर्तव्य है कि हिन्दी भाषा के विकास एवं पुनर्जागरण हेतु ईमानदारी से कार्य करें। पद्मश्री एवं बीबीएयू के पूर्व कुलपति प्रो. रणबीर चंद्र सोबती ने हिन्दी की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा कि हिन्दी विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक तथा भारतीय एकता, सरलता, सहजता, सामाजिकता एवं आध्यात्मिकता की प्रतीक है। साथ ही हिन्दी पखवाड़ा का उद्देश्य हिन्दी के प्रति जागरूकता बढ़ाना, कार्यक्षेत्र में अधिक से अधिक हिन्दी को प्रयोग में लाना एवं युवा पीढ़ी को हिन्दी के प्रति आकर्षित करना है। इसके अतिरिक्त उन्होंने विदेशों में हिन्दी की उपयोगिता, साहित्यिक ग्रंथों एवं हिन्दी वर्तनी का महत्व, हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने में मीडिया का योगदान, सतत विकास लक्ष्यों एवं मानव सेवा पर भी विस्तृत चर्चा की। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.एम.पी. वर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हम हिन्दी बेहद ही रोचक एवं रोमांचकारी भाषा है, जो कि दुनिया भर के देशों में प्रसिद्ध है। विभिन्न साहित्यकारों एवं लेखकों ने प्राचीन काल से ही हिन्दी के विकास में कार्य किया है। इसके अतिरिक्त बॉलीवुड में हिन्दी भाषा के प्रयोग ने हिन्दी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है।समापन सत्र के दौरान 'हिन्दी पखवाड़ा' के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।धन्यवाद ज्ञापन का कार्य डॉ. बलजीत श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम के दौरान प्रॉक्टर प्रो. संजय कुमार, आईक्यूएसी डायरेक्टर प्रो. राम चंद्रा, आईक्यूएसी डिप्टी डायरेक्टर प्रो. शिल्पी वर्मा, प्रो. सुदर्शन वर्मा, प्रो. नवीन कुमार अरोड़ा, प्रो शुरा दरापुरी, विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष,अधिकारीगण, गैर-शिक्षण कर्मचारी एवं विद्यार्थी मौजूद रहें।