कौशाम्बी
डीएम मधुसूदन हुल्गी ने बृहस्पतिवार को अलवारा झील का निरीक्षण किया। उनका कहना है कि यह झील प्राकृतिक सुंदरता और सकारात्मक ऊर्जा से भरी हुई है। ऐसे में इसे एक प्राकृतिक हेल्थ रिजॉर्ट के रूप में विकसित किया जा सकता है। डीएम ने इस झील को प्राकृतिक हेल्थ रिजॉर्ट बनाने के लिए गांव का दौरा किया और वहां के प्राकृतिक स्थलों को देखकर इसके विकास की संभावनाओं पर विचार किया। अलवारा गांव में स्थित यह झील यमुना नदी के पानी से बनी है। करीब 2250 बीघे में फैली हुई है। झील में पूरे साल पानी भरा रहता है। जिससे यहां फूल खिले रहते हैं। मत्स्य पालन का भी कार्य होता है। डीएम ने झील क्षेत्र के दौरे के दौरान इस इलाके को पर्यटन और रोजगार के अवसरों के लिए विकसित करने की योजना बनाई। स्थानीय लोगों से बातचीत के दौरान डीएम को पता चला कि ठंड के मौसम में यहां साइबेरिया से पक्षी आते हैं। ये पक्षी स्थानीय भाषा में कोकाबेला, लेदी, लाल मुर्ग, नकटा, पनडुब्बी, सरखाब, और लाल मंडलेश्वर के नामों से जाने जाते हैं। इनकी संख्या लाखों में होती है। पूर्व विधायक इंद्रजीत सरोज के प्रस्ताव में यह सुझाव दिया गया था कि इस क्षेत्र को एक हेल्थ रिजॉर्ट और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके लिए यहां औषधीय गुणों वाले स्विमिंग पूल, प्राकृतिक कुटिया, पंचकर्म और मसाज जैसी सुविधाएं बनाई जा सकती हैं। डीएम मधुसूदन ने कहा कि झील क्षेत्र के विकास के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। जिसमें पर्यटन, रोजगार और प्राकृतिक हेल्थ रिजॉर्ट की संभावनाओं को शामिल किया जाएगा। जल्द ही यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।