कौशाम्बी
भारतीय संस्कृति पूरी तरह से वैज्ञानिक विचारों पर आधारित है। यहां हमारे पूर्वजों ने जो जीवन शैली विकसित की थी वह जीवन शैली स्वस्थ जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है। यह भारतीय संस्कृति की अपनी मजबूती थी कि सैकड़ो धार्मिक अतिक्रमणकारियों के आक्रमण के बाद भी यह पूरी तरह से अक्षुण व मजबूत बनी रही। उक्त बातें विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष अवधेश नारायण ने सरसवां प्रखण्ड के दानपुर गांव में आयोजित बैठक के दौरान कहीं।
बैठक में बोलते हुए संगठन के सहमंत्री वेद प्रकाश सत्यार्थी ने कहा कि आज भारत की संस्कृति पर विभिन्न प्रकार के संकट खड़े हैं दूसरे धर्म के मानने वाले लोग हिंदू धर्म को चोट पहुंचाने और खत्म करने की लगातार प्रयास कर रहे हैं आज गांव-गांव में चल रही ईसाई धर्म के लोगों की धर्म परिवर्तन चंगाई सभाएं और लैंड जिहाद, लैंड जिहाद की घटनाएं इसी का उदाहरण है ।
लेकिन यह भारतीय संस्कृति और हमारे पूर्वजों के महान पराक्रम का ही नतीजा रहा है कि इन धार्मिक उन्मादियों की जिस जिस देश में पर पड़े वहां से उसे देश की प्राचीन संस्कृति इन्होंने नष्ट कर दिया,लेकिन भारत में आज भी भारतीय प्राचीन संस्कृति जिंदा है यह हमारे पूर्वजों के कार्यक्रम का परिणाम है।बैठक में मौजूद सभी लोगों को हिंदू एकता की शपथ दिलाई गई और जात-पात की करो विदाई हिंदू हिंदू भाई भाई के नारे दिए गए।
इस मौके पर प्रमुख रूप से शिवम्, दीपक मौर्य, पुष्पेंद्र पांडे, चेतन, सर्वेश पटेल, राजा राम सरोज, वीरेन्द्र दिवाकर राजेंद्र सरोज, नितिन दुबे, इंद्रपाल सरोज, अंशु प्रजापति, आशीष दुबे, गुलजार सरोज, सतीश दिवाकर, गुलाब सरोज, दुखी लाल लोधी, फूलचंद लोधी, रतिराम, भैया लाल विश्वकर्मा, सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।