ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ।लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय की प्रतिष्ठित संस्था विधिक सहायता केंद्र के सदस्यों द्वारा लोक प्रशासन विभाग , लखनऊ विश्वविद्यालय में लैंगिक संवेदीकरण की कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस कार्यशाला का आयोजन विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो.(डॉ) बी डी सिंह, विधिक सहायता केंद्र के अध्यक्ष डॉ.अभिषेक कुमार तिवारी, लोक प्रशासन विभाग के अध्यक्ष प्रो. नंद लाल भारती, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ वैशाली सक्सेना एवम् डॉ सुशील सिंह चौहान के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इससे पहले केंद्र द्वारा हिंदी विभाग में लैंगिक संवेदीकरण कार्यशाला का अयोजन किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य लैंगिक संवेदीकरण और उससे संबंधित कानूनों के विषय में जागरुकता फैलाना रहा।
कार्यशाला की शुरुआत में लीगल ऐड सेंटर की सदस्य इरा उपाध्याय द्वारा लैंगिक संवेदीकरण के बारे में बताया गया, उन्होंने समाज में व्याप्त लिंग-आधारित पूर्वाग्रह की भावना को बदलने की आवश्यकता को समझाया। इसके उपरांत शिवांगी सिंह ने पॉश एक्ट, भंवरी देवी केस 1992और विशाखा गाइडलाइन के बारे में बताया। केंद्र के अन्य सदस्य, दानिश द्वारा कंप्लेंट प्रक्रिया और विभिन्न ऑर्गेनाइजेशंस, स्कूल वा कॉलेज में स्थापित इंटरनल कंप्लेंट समिति के बारे में बताया गया साथ ही ऋषिता पांडेय ने इक्वल रैम्यूनरेशन एक्ट 1976, मेंस्ट्रुएशन बिल और हिंदू सक्सेशन एक्ट (अमेंडमेंट 2005) के बारे में समझाया।
कार्यशाला के अंत में, विधिक सहायता केन्द्र के छात्र संयोजक आदित्य वर्धन ने कार्यशाला के आयोजन में सहयोग करने के लिए सभी शिक्षकों वा उपस्थितजनों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यशाला का सफलता पूर्वक समापन किया। कार्यक्रम उपस्थितजनों के उत्साह और सक्रिय भागीदारी के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।