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बारह विभूतियों का सारस्वत सम्मान एवं पुस्तक लोकार्पण

ब्यूरो चीफ आर एल पांडेय

लखनऊ। पंडित बृजमोहन अवस्थी सुस्मृति संस्थान',द्वारा विगत तेरह वर्षों से बुंदेलखंड के लब्ध-प्रतिष्ठ साहित्यकार 'पंडित बृजमोहन अवस्थी' के जन्मदिन के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 'एक सितंबर' को समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित किया जाता है।
इस वर्ष निम्नलिखित बारह विभूतियों को '1 सितंबर, 2024 दिन रविवार, अपरान्ह 2.30 बजे से सायं 6 बजे तक स्थान - 'एफिल क्लब', एल्डिको ग्रीन, गोमतीनगर, लखनऊ में आयोजित होने जा रहे ’चतुर्दश सारस्वत समारोह’ में सम्मानित किया जाएगा।

कार्यक्रम अध्यक्ष : प्रो. शिशिर पांडेय, कुलपति– जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट।

मुख्य अतिथि : मा. न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार अध्यक्ष– राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश।

सम्मान के सामने सम्मानित होने वाली विभूतियों के नाम निम्नप्रकार से हैं -

1. पंडित महेशप्रसाद अवस्थी
शिक्षाविद् सम्मान -
डॉ. विनय दास- शिक्षक, समीक्षक, साहित्यकार, बाराबंकी।

2. पंडित महादेवप्रसाद
अवस्थी कर्तव्य-निष्ठा सम्मान -
इंजी. श्री अरविंद कुमार जैन, लखनऊ।

3. डॉ. सतीशचंद्र अवस्थी चिकित्सा-सेवा सम्मान -
डॉ. दुर्गाशंकर शुक्ल, सर्जन, लखनऊ।

4. पंडित हरिश्चंद्र अवस्थी
विधिवेत्ता-सम्मान -
सुश्री रंजना अग्निहोत्री अधिवक्ता, मा. इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ पीठ।

5. डॉ. सुरेशचंद्र अवस्थी लोक-संस्कृति सम्मान -
श्रीमती शिवा सिंह- नाट्य/फ़िल्म निर्देशक एवं चित्रकार, कानपुर।

6. श्रीमती सुमित्रादेवी अवस्थी सद्भावना सम्मान-
डॉ. अनीता श्रीवास्तव, संपादक, रेवांत, लखनऊ।

7. श्रीमती गेंदारानी अवस्थी
साहित्य सेवा सम्मान -
श्रीमती सीमा मधुरिमा, कथाकार, लखनऊ।

8. पंडित बृजमोहन अवस्थी
समाज सेवा सम्मान -
श्री कैलाश जैन, समाजसेवी, लखनऊ।

9. पंडित बृजमोहन अवस्थी
साहित्य सेवा सम्मान -
श्री दयानंद पांडेय, साहित्यकार, लखनऊ।

10. पंडित रुद्रप्रसाद अवस्थी
साहित्य समीक्षा सम्मान -
श्री अरुण सिंह, संपादक, इंडिया इनसाइड, लखनऊ।

11. डॉक्टर शिवदीन अवस्थी
लोक-सेवा सम्मान -
श्री मनीष त्रिपाठी, प्रधान सेवक 'निकेतन', लखनऊ।

12. प्रो. सुरेशचंद्र दीक्षित
पर्यावरण सम्मान -
डॉक्टर जिनेन्द्र कुमार जैन, पर्यावरणविद, लखनऊ।

सारस्वत समारोह के अंतर्गत ही पंडित बृजमोहन अवस्थी जी की कृति "बुंदेलखंड का सेनापति महल" के नवीन संस्करण एवं डॉक्टर रिंकी रविकांत द्वारा संपादित कृति "कथाकार महेन्द्र भीष्म के कहानी संग्रह बड़े सा'ब की कहानियों का समीक्षात्मक अध्ययन" का लोकार्पण भी हुआ।