लखनऊ। भारतीय बाल अकादमी की उत्तर प्रदेश
शाखा का वार्षिक सम्मेलन लखनऊ बाल अकादमी द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित किया
जा रहा है।
यह आयोजन दिनांक 17 अक्टूबर 2024 से 19 अक्टूबर 2024 तक चलेगा ।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारे प्रदेश के दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वाले बाल रोग विशेषज्ञों में आधुनिक जानकारी का संचार किया जाए जिससे वह बीमारियों के इलाज में ज्यादा कुशल हो सके और बाल रोग विशेषज्ञों के बीच नई शोधों से होने वाले जानकारी का आदान-प्रदान हो सके ।
इस सम्मेलन का दूसरा उद्देश्य यह है कि सभी बाल रोग विशेषज्ञ बच्चों की जटिल बीमारियों का भी इलाज दूर दराज के क्षेत्रों में भी करने में सफल हो सके इसके लिए 17 अक्टूबर को पांच कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है।
इस सम्मेलन का तीसरा उद्देश्य यह है कि प्रदेश के बाल रोग विशेषज्ञ नवजात शिशुओं को गंभीर बीमारियों से बचाने के बाद उनके मस्तिष्क के विकास में होने वाली रुकावटों को समय से पहचान कर सके जिससे उनको दूर करने के लिए बहुत जल्द ही हस्तक्षेप किया जा सके अन्यथा देर से पहचान होने पर इनका निराकरण करने में बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है
इस सम्मेलन का चौथा उद्देश्य है कि नवजात शिशुओं को कृत्रिम सांस देने की कुछ ऐसे उपाय बाल
रोग विशेषज्ञों को बताया जाए जिससे बच्चों के बचने की संभावना बढ़ सके, उनका दूर दराज के क्षेत्र इलाज हो सके, और परिवार को कम आर्थिक संकटों का सामना करना पड़े ।
इसी जानकारी को अपने प्रिय मित्र पत्रकार बंधुओ में पहुंचने के लिए आज एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन कंफर्ट इन होटल में किया गया ।
प्रेस को संबोधित करते हुए भारतीय बाल अकादमी के उत्तर प्रदेश शाखा के पूर्व अध्यक्ष एवं इस
सम्मेलन के चीफ ऑर्गेनाइजिंग चेयरपर्सन डॉक्टर संजय निरंजन ने बताया कि हमारे प्रदेश में बच्चों
की मृत्यु दर अभी भी ज्यादा है, इस मृत्यु दर को कम करने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है और उसके इस प्रयास में हम सभी भारतीय बाल अकादमी के सदस्य सहयोगी बन सके इसके लिए हम नई जानकारी का आपस में आदान-प्रदान करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं।
मीडिया को संबोधित करते हुए भारतीय बाल अकादमी की मध्य क्षेत्र की भूतपूर्व वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर पियाली भट्टाचार्य ने बताया की किशोरावस्था में बच्चों के अंदर जो मानसिक समस्याएं बढ़ती हैं उनका
बीजारोपण बच्चों के बाल्यावस्था में ही हो जाता है, अतः किशोरावस्था और वयस्कों में होने वाली मानसिक समस्याओं को रोकने का सबसे कारगर उपाय यही है कि हम बच्चों की बाल्यावस्था में ही उनकी समस्याओं का पहचान कर सके जिस समय रहते हस्तक्षेप किया जा सके और किशोरावस्था में होने वाली मानसिक समस्याओं को रोका जा सके, बाल्यावस्था में बच्चों की समस्याओं को कैसे पहचाना जाए इसके लिए इस सम्मेलन में विशेषज्ञ अपनी राय और अनुभवों का आदान प्रदान करेंगे ।
मीडिया को संबोधित करते हुए इस सम्मेलन के आयोजक सचिव डॉक्टर अनुराग कटियार ने बताया की बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य का मतलब होता है कि बच्चा शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक रूप से भी स्वस्थ हो, इसी विषय पर गंभीरता से विचार करने के लिए इस सम्मेलन में विदेश और देश से विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। मीडिया को संबोधित करते हुए लखनऊ बाल अकादमी की अध्यक्ष डॉक्टर निर्मला जोशी ने बताया कि
इस सम्मेलन में डॉक्टरों द्वारा इलाज के दौरान क्या सावधानी बरता जाए जिससे उनको कानूनी पचड़ों में ना पड़े और वह अपने चिकित्सकीय कार्य को पूर्ण रूप से कर सके इस पर भी इस सम्मेलन में विशेषज्ञों के बीच विचार विमर्श होगा ।
मीडिया को संबोधित करते हुए इस सम्मेलन के कोषाध्यक्ष डॉक्टर आशीष वर्मा ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा शास्त्र के विकास में शोध का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है, हमारे बाल रोग विशेषज्ञ शोध करने में पारंगत हो सके इसके लिए भी इस सम्मेलन में विशेषज्ञों के बीच चर्चा होगा ।
मीडिया को संबोधित करते हुए सम्मेलन के प्रमुख सचिव डॉक्टर टी आर यादव ने बताया की बच्चों के बीच एलर्जी की बहुत बड़ी समस्या होती है, कई बार इंफेक्शन और एलर्जी में भेद कर पाना बहुत मुश्किल होता है और भेद न कर पाने की वजह से कई बार एंटीबायोटिक का प्रयोग आवश्यकता से ज्यादा होने लगता है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए एक कार्यशाला का आयोजन राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आयोजित किया गया है जिसमें देश के कई विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं और वह बाल रोग विशेषज्ञों को इस बात की जानकारी देंगे और प्रैक्टिस भी करेंगे की किस तरह से इंफेक्शन और एलर्जी में भेद किया जा सकता है और यदि एलर्जी है तो उसके इलाज का सही तरीका क्या है, इस पर विस्तार से चर्चा होगी ।
इस तीन दिवसीय प्रादेशिक वार्षिक सम्मेलन का आधिकारिक उद्घाटन 17 अक्टूबर की शाम को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में भारतीय बाल अकादमी के अध्यक्ष श्री जी वी बसवाराजा की उपस्थिति में होगा और पुरस्कार वितरण समारोह 18 अक्टूबर की शाम को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में माननीय उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्री बृजेश पाठक जी के करकमलों द्वारा संपन्न होगा।