लखनऊ। श्री जय नारायण मिश्र महाविद्यालय, लखनऊ मे दिनांक 30 सितंबर 2024 से चल रहे स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के पाँचवे दिन सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, पीठ में दर्द एवं स्पोर्ट्स इंजरी से निपटने के लिए स्वास्थ्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं, शिक्षको एवं कर्मचारियों ने प्रतिभागिता की।
कार्यशाला को मुख्य अतिथि वक्ता,
श्री अजीत किशोर, फिजियोथैरेपिस्ट,
केजीएमयू ने संबोधित किया।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि, आज की आपाधापी वाली जिंदगी में हम सब सुबह से शाम तक व्यस्त रहते है और हम बहुत सी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं दे पाते। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि ये छोटी-छोटी बातें हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी आवश्यक है। इन्हीं में से एक है, हमारे बैठने उठने का तरीका, हमारा किसी वस्तु को उठाने का या रखने का तरीका, बिस्तर पर लेटने का और यदि लेते हुए हैं तो लेट करके उठने का तरीका आदि बहुत सी ऐसी छोटी-छोटी अवस्थाएं हैं, जिनके प्रोटोकॉल को या यह कहें कि सही पाॅश्चर को हम इग्नोर कर देते हैं। और छोटी-मोटी इंजरीज जैसे मोच आना, नस खिंच जाना, मसल्स में तनाव होना, जोड़ों में अकड़न होना इत्यादि रोगों के शिकार हो जाते हैं। यदि समय रहते हैं हम इनका प्रबंध न करें तो फिर यही समस्याएं गंभीर बीमारियों के रूप में परिवर्तित हो जाती है। कई बार ऐसी ही रोजमर्रा की इंजरी से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और पीठ में दर्द हमें जीने नहीं देता। यदि ऐसी बीमारियां आपको है, तो आप समय रहते योग्य चिकित्सक या फिजियोथैरेपिस्ट से संपर्क करें। वह आपको इन बीमारियों के प्रबंधन में अवश्य मदद करेंगे। और यदि हम अपने उठने बैठने के तरीके में कुछ आवश्यक सुधार कर लें और अपने आसन सम्बन्धी तौर तरीकों के प्रति चैतन्य रहे, तो हम ऐसी बीमारियों के शिकार नहीं होंगे। उन्होंने युवाओं से कहा कि खेल कूद के समय कई सारी इंज्रीज हो जाती है। कभी छोटी-मोटी तो कभी बड़ी और यह हमारी छोटी-छोटी इंजरी के कारण होते हैं। अतः युवा जब भी खेलकूद को आरंभ करें, एक निश्चित समय अंतराल के लिए वार्म अप जरूर करें। बिना वार्म अप के खेल तो क्या इस संबंध मे कोई भी क्रिया आरंभ ना करें। इससे इंजरी से बचा जा सकता है। खेलों के अनुसार ही प्रिकॉशन भी सुनिश्चित किए गए है। खेलते समय उन प्रिकॉशन का और संबंधित सपोर्ट सिस्टम का प्रयोग अवश्य करें। श्री अजीत किशोर, फिजियोथैरेपिस्ट, केजीएमयू ने लोगों को डेमो के माध्यम से कई सारे आसन और बैठने उठने के तरीके सिखाए। उन्होंने कार्यशाला के अंत में छात्र-छात्राओं की व्यक्तिगत समस्याओं को भी सुना और उसके निदान के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
प्राचार्य प्रो विनोद चंद्रा ने कार्यशाला की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, महाविद्यालय में चल रहे स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत आज पांचवे दिन सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस एवं स्पोर्ट इंज्रीज पर व्याख्यान का वह खुलकर स्वागत करते हैं। क्योंकि आज युवाओं में यह दोनों ही दिक्कतें व्यापक रूप से बढ़ती ही जा रही है और इससे युवा स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि, उन्हें उम्मीद है कि आज की कार्यशाला से हमारे युवा साथी बहुत कुछ सीखेंगे और इसे अपने जीवन में अपना कर बेहतर स्वास्थ्य की तरफ कदम बढ़ाएंगे। उन्होंने युवा छात्र-छात्राओं से अपील की कि जो भी आज आप यहां से सीख कर जाएं, आप हमारे स्वास्थ्य एम्बेसडर बनकर उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।
उल्लेखनीय है कि, महाविद्यालय में दिनांक 30 सितंबर से चल रहे स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत विगत रक्त जांच शिविर , हृदय स्वास्थ्य कार्यशाला, रक्तदान शिविर एवम नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन युवा स्वास्थ्य जागरूकता को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा बढ़-चढ़कर भाग लिया जाना आयोजकों के लिए प्रेरणास्पद है।
कार्यशाला का संचालन डॉक्टर अभिषेक सिंह, शारीरिक शिक्षा विभाग ने किया।
कार्यशाला के सफल समापन पर संयोजक, डॉ अंशुमालि शर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यशाला में प्रो मधु गौड, डॉ डी एम त्रिपाठी, डा सुयस शुक्ला, रोवर्स रेंजर्स कार्यक्रम अधिकारी, डॉ अभिषेक सिंह, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी, डॉ सुनीता राठौर, डॉ विजय राज श्रीवास्तव, श्री अशोक शुक्ला, श्री सुनील कुमार त्रिपाठी, श्री आशुतोष खरे सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।