लखनऊ - भारत एक ऐसा गणराज्य है जो अनेकता में एकता लिए हर धर्म और साम्प्रदाय का सम्मान करने। वाला देश है, लेकिन इस भारत देश मे मुस्लिम धर्म के कुछ अराजक तत्व हमेशा देश विरोधी कारनामे ही करते आये है,राष्ट्रीय युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय युवा वाहिनी हिंदी दैनिक समाचार पत्र के संपादक हिन्दू देव शुक्ला ने कहा कि लाख राशन दे भाजपा सरकार या बनवा दे मकान मुस्लिम मतदाताओं ने हमेशा साबित किया है कि वह हमेशा भाजपा विरोधी ही रहेंगे। मुजफ्फरनगर में बीते 11 मार्च दिन बुधवार उत्तर प्रदेश चुनाव में विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो मुस्लिम बाहुल्य 71 सीटों में से 67 सीटों पर भाजपा हारी है उन 67 सीटों की बात की जाए तो सिर्फ मुजफ्फरनगर और शामली की सीटों पर नजर दौड़ाई जाए तो स्वयं गृहमंत्री के जमीन पर उतर कर प्रचार करने के बावजूद भी मुस्लिमों के भाजपा हटाओ अभियान के अंतर्गत जेल में जाने के बावजूद भी कैराना से मुस्लिमों ने नाहिद हसन को जिता दिया, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अन्य सीटों पर जहां जहां मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र थे वहां वहां भाजपा को पूरी तरह हार का सामना करना पड़ा है। थाना भवन की बात करें तो यहां प्रदेश में स्वयं मंत्री रहे सुरेश राणा को अशरफ अली खान ने जोरदार पाठक ने दी है शुरू से लेकर अंतिम तक एक बार भी सुरेश राणा अशरफ अली से आगे नहीं निकल पाए वहीं मुजफ्फरनगर से ही सत्य मेरठ में सफीक अंसारी एवं मोहम्मद आदिल ने गठबंधन से चुनाव लड़कर जीत हासिल की है सहारनपुर बिजनौर मुरादाबाद नजीमाबाद आज मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी मुस्लिम प्रत्याशियों ने जोरदार जीत दर्ज कराई हर बार की तरह मुस्लिम मतदाताओं ने भी इस बार दीया साबित कर दिया कि भाजपा चाहे जितना भी सुशासन ला दे जितना भी राशन बांट दें जितने भी मकान खड़े करा दे मगर चुनाव के समय पर मुस्लिम मतदाता खुलकर भाजपा का विरोध करेगा और विरोधी नहीं मतदान के रूप में भी उस पार्टी को मतदान करेगा जिस पार्टी को भाजपा हरा रही हो पिछले 10 वर्षों में यही देखने को मिला है मुस्लिम मतदाता चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा यदि बसपा का प्रत्याशी मजबूत हो और भाजपा के प्रत्याशी को हराने का दम रखता हो तो वहां मुस्लिम मतदाता बसपा को वोट था जहां जहां सपा का प्रत्याशी मजबूत हो वहां मुस्लिम मतदाता सपा को वोट देता रहा था मगर इस बार उत्तर प्रदेश की तस्वीर कुछ और ही थी शुरू में मायावती के सूची से चुनाव लड़ने के कारण मुस्लिम मतदाता सपा को ही पूरी तरह चुनाव जिताने व भाजपा को करारी हार दिलाने के लिए तैयारी कर चुका था मतदान के दिन तक भी अंधेरे में जी रहे भाजपाइयों को ऐसा लग रहा था कि इस बार सुशासन विकास विकास और राशन के दम पर शायद पहले से बड़ी मात्रा में मुस्लिम मतदाताओं ने वोट करेगा मगर चुनावी नतीजे आने के बाद यह साफ हो गया कि मुस्लिम मतदाता उन्हें वोट करेगा मगर चुनावी नतीजे आने के बाद यह साफ हो गया कि मुस्लिम मतदाता इस बार भी भाजपा के खिलाफ पुरजोर तरीके से खड़ा रहा पूरे पश्चिमी उत्तर उत्तर प्रदेश में ही नहीं पूरे प्रदेश में मुस्लिम मतदाताओं ने कहीं भी भाजपा को जोरदार समर्थन नहीं किया आने वाले चुनाव में सत्ताधारी भाजपा इस बात से क्या सबक ले पाएगी यह तो कह पाना मुश्किल है मगर इस चुनाव में या तय कर दिया भाजपा जितना मर्जी निष्पक्ष होकर कार्य कर ले मुस्लिम मतदाता उसे कतई वोट नहीं करेगा।
राष्ट्रीय युवा वाहिनी शंखनाद समाचार सम्पादक देवप्रकाश शुक्ला
प्रधान सम्पादक अभिषेक द्विवेदी
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