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पितृ मोक्ष अमावस्या: महत्व और ज्योतिषीय उपाय

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। पितृ मोक्ष अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे विशेष रूप से पूर्वजों को समर्पित किया जाता है। यह दिन सर्वपितृ अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है, जब लोग अपने पितरों के मोक्ष और शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करते हैं। इस अमावस्या का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व अत्यधिक माना गया है।

पितृ मोक्ष अमावस्या का महत्व

ज्योतिषायन के प्रसिद्ध कर्मकांडी आचार्य रामू लाल पाण्डेय जी ने बताया कि भारतीय परंपराओं के अनुसार, पितरों का आशीर्वाद सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग पितृ दोष से पीड़ित होते हैं, उन्हें अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन विशेष अनुष्ठान करने चाहिए। पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन किया गया पिंडदान, तर्पण, और श्राद्ध कर्म पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करता है और पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है।

पितृ मोक्ष अमावस्या और ज्योतिषीय दृष्टिकोण

उन्होंने यह भी बताया कि ज्योतिष के अनुसार, पितृ दोष तब होता है जब किसी व्यक्ति के कुंडली में सूर्य, शनि या राहु की स्थिति में दोष पाया जाता है। ऐसे में, पितृ मोक्ष अमावस्या का दिन पितरों के दोष निवारण के लिए विशेष उपाय करने का होता है। यह समय ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए अनुकूल माना जाता है। ज्योतिषीय उपाय के तहत विशेष पूजा, दान, और हवन किया जाता है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।

पितृ मोक्ष अमावस्या पर करने योग्य ज्योतिषीय उपाय

1. तर्पण और पिंडदान: पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करके पूर्वजों के लिए तर्पण और पिंडदान करना अत्यधिक फलदायी होता है।

2. गाय को चारा देना: गाय को हरा चारा और गुड़ खिलाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

3. दान: ब्राह्मणों को भोजन कराना, गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करना, और धर्मार्थ कार्यों में योगदान देना भी शुभ माना गया है।

4. पीपल वृक्ष की पूजा: पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाकर उसकी पूजा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है।

5. हवन: ग्रह दोष निवारण के लिए घर में हवन करना, विशेष रूप से 'पितृ हवन', पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है।