यूक्रेन की संसद और अन्य सरकारी और बैंकिंग वेबसाइटों पर बुधवार को साइबर अटैक हुआ है। इस हमले के बाद साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने कहा है कि अज्ञात हमलावरों ने खतरनाक मैलवेयर से सैकड़ों कंप्यूटरों को भी संक्रमित किया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सैन्य कार्रवाई के आदेश के बाद रूस और यूक्रेन दोनों देशों के बीच जंग छिड़ गई है। दोनों देशों की ओर से एक-दूसरे पर हमले किए जा रहे हैं। इस युद्ध में अभी तक 50 लोगों को मारे जाने की खबर है। रूस ने यूक्रेन के कई सैन्य ठिकाने को भी तबाह कर दिया है। वहीं यूक्रेनी सेना ने भी दावा किया है कि उसने लुहान्स्क क्षेत्र में पांच रूसी विमानों और एक रूसी हेलीकॉप्टर को मार गिराया गया है। इन सब के बीच यूक्रेन की सरकारी वेबसाइट और बैंकों पर साइबर अटैक की खबर है।
हैकर्स ने यूक्रेन की संसंद को बनाया निशाना
यूक्रेन की संसद और अन्य सरकारी और बैंकिंग वेबसाइटों पर बुधवार को साइबर अटैक हुआ है। इस हमले के बाद साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने कहा है कि अज्ञात हमलावरों ने खतरनाक मैलवेयर से सैकड़ों कंप्यूटरों को भी संक्रमित किया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कुछ संक्रमित कंप्यूटर पड़ोसी लातविया और लिथुआनिया में थे।
यूक्रेन में गुरुवार की सुबह को विदेश मंत्रालय और काउंसिल और मिनिस्टर्स की साइट ओपन नहीं हो रही थी, वहीं अन्य साइट काफी स्लो थीं, हालांकि इस साइबर अटैक को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
ईएसईटी रिसर्च लैब्स ने ही इस अटैक की पुष्टि की है। लैब ने कहा कि उसने बुधवार को यूक्रेन के कंप्यूटर पर डाटा-वाइपिंग मैलवेयर (डाटा को डिलीट करने वाले) का पता लगाया। लैब का दावा है कि इस अटैक में यूक्रेन की कई बड़ी संस्थाओं को भी निशाना बनाया गया है।
सिमेंटेक थ्रेट इंटेलिजेंस ने वाइपर मैलवेयर से प्रभावित तीन संगठनों का पता लगाया जिनमें लातविया और लिथुआनिया में यूक्रेनी सरकारी ठेकेदार और यूक्रेन में एक वित्तीय संस्थान शामिल हैं। बता दें कि ये दोनों देश नाटो के सदस्य हैं।